Vivad Se Vishwas Scheme: जनता को लाभ एवं सुविधा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा समय समय पर नई नई स्कीम लॉन्च की जाती है इसी क्रम में भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा विवाद से विश्वास योजना लॉन्च की गई इस योजना के तहत आयकर दाताओं के प्रत्यक्ष करों से संबंधित विवादों का समाधान किया जाएगा योजना के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढें.
विवाद से विश्वास योजना 2024
वित्त मंत्रालय द्वारा 1 फरवरी 2020 को विवाद से विश्वास योजना शुरू की गईहै इस योजना के तहत जिन कर दाताओं के करोंसे संबंधित मुकदमे चल रहे हैं उनका समाधान किया जाएगा जिसमें उन्हें सिर्फ विवादित धनराशि का ही भुगतान करना होगा किसी भी प्रकार के दंड या ब्याज का भुगतान नहीं करना होगा विवाद से विश्वास योजना के तहत करदाताओं की पहचान गुप्त रखकर प्रत्यक्ष करों के मामलों को निपटाया जाएगा.
विवाद से विश्वास इस स्कीम क्यों शुरू की गई
वर्ष 2000 के बाद से वर्ष 2019 तक के वित्तीय वर्षमें डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में लगातार बढ़ोतरी देखी गई किंतु 2019-20 के वित्तीय वर्ष में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में पिछले वर्षों की अपेक्षा गिरावट देखी गई वित्तीय वर्ष 2018-19 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 11.5 लाख करोड़ रुपये था किंतु वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह आंकड़ा गिरकर 10.5 लाख करोड़ हो गया पहली बार डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में गिरावट देखी गई जिसमे बढ़ोतरी के लिए वित्त मंत्रालय ने विवाद से विश्वास योजना को लागू किया है इससे कर दाताओं के प्रत्यक्ष करो के विवादित मामलों को सुलझाया जाएगा जिससे डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े में इजाफा होगा.
पीएम उज्ज्वलता योजना लिस्ट 2023, नई लिस्ट जारी जल्दी चेक करे
टैक्स से संबंधित किनमामलों पर कार्रवाई होगी
विवाद से विश्वास योजना के तहत कर दाताओं के प्रत्यक्ष करों से संबंधित उन सभी मामलों का जो हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या किसी फोरम में लंबित है उनका समाधान किया जाएगा जिसमें सिर्फ विवादित करों की राशि का भुगतान ही करना होगा और भुगतान की रकम पर किसी भी प्रकार के ब्याज या दंड का भुगतान नहीं करना होगा.
विवाद से विश्वास योजना डिटेल्स
योजना का नाम | विवाद से विश्वास योजना |
किसने शुरू की | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने |
कब शुरू हुई | 1 फरवरी 2020 |
उद्देश्य | प्रत्यक्ष करों के मामले का समाधान करना |
लाभार्थी | आयकर दाता |
विवाद से विश्वास योजना का उद्देश्य
विवाद से विश्वास योजना का मुख्य उद्देश्य प्रत्यक्ष करों के भुगतानों के तहत होने वाले मुकदमो में कमी लाना है लंबे समय से लंबित पड़े मामले को निपटाया जाएगा जिसके तहत करदाताओं को केवल विवादित करो की राशि का ही भुगतान करना होगा भुगतान की धनराशि पर टैक्स या दंड नहीं लगाया जाएगा इससे डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़े में इजाफा होगा और प्रशासन तथा कर दाताओं के बीच भरोसा बढ़ेगा तथा संबंध अच्छे होंगे.
विवाद से विश्वास योजना की अंतिम तिथि
विवाद से विश्वास योजना के तहत कर दाताओं के करों से संबंधित सभी प्रकार के मुद्दे को हल किया जाएगा यह योजना 30 जून 2020 तक जारी रहेंगी आयकर दाता 30 जून 2020 तक करों का भुगतान कर सकेंगे तथा योजना का लाभ उठा सकेंगे कोरोना महामारी को देखते हुए केंद्र सरकार द्वारा विवाद से विश्वास योजना के तहत आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया गया है.
विवाद से विश्वास योजना डिक्लेरेशन के संशोधन की अनुमति
विवाद से विश्वास योजना के तहतजब तक टैक्स पेमेंट की संपूर्ण जानकारी के साथ सर्टिफिकेट जारी नहीं किया जाता तब तक डिक्लेरेशन में संशोधन किया जा सकता है जब तक विवादित करों के मामले आयोग मेंपेंडिंग है तब तक इस योजना का लाभ नहीं उठाया जा सकेगा यदि कर दाता समझौता प्रक्रिया से हुए फैसले से खुश नहीं हैं तो वह इस योजना के तहत फिर से अपील कर सकता है.
Upagriculture.com के द्वारा किसान पंजीकरण, स्टेटस और टोकन कैसे चेक करें?
देश में कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा विवाद से विश्वास योजना के तहत भुगतान की तिथि को तीसरी बार बढ़ाया गया है और अंतिम तिथि 31 मार्च 2021 कर दी गई है.
विवाद से विश्वास योजना के तहत लाभ
इस योजना के तहत आयकर दाताओं के सभी प्रकार के प्रत्यक्ष करों से संबंधित मामले का निपटारा किया जाएगा जिसमें उन्हें सिर्फ विवादित धनराशि का ही भुगतान करना होगा उस पर किसी भी प्रकार के ब्याज या अर्थदंड का भुगतान नहीं करना होगाइसके अलावा यदि किसी आयकर दाता के घर छापा पड़ा है और आयकर की मांग 5करोड़ रुपए से कम की है तो इस योजना के तहत उस व्यक्ति को लाभ प्रदान किया जाएगा आयकर राशि का भुगतान करने पर विभाग द्वारा सर्टिफिकेट प्रदान किए जाएगा.
Uttar Pradesh Bijli Bill Check
विवाद से विश्वास योजना-2
भारत के वित्त मंत्रालय द्वारा विवाद से विश्वास योजना-2 लॉन्च की गई है इसे सरकार या सरकारी उपक्रमों के घरेलू अनुबंध विवादों पर लागू किया जाएगा इस योजना के तहत जिन ठेकेदारों के मामलों पर आदेश 30 अप्रैल तक जारी किए जा चुके हैं उन्हें देर राशि का 85% हिस्सा दिया जाएगा और जिनके मामले पर सुनवाई 31 जनवरी तक हुई है उन्हें देय धनराशि का 65% प्रदान किया जाएगा.