DM बनने के लिए फिजिकल और मेडिकल कैसे होता है?

डीएम का पूरा नाम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट होता है आप में से बहुत से कैंडिडेट डीएम बनने का सपना देख रहे होंगे और वह जानना चाहते होंगे कि आखिर डीएम बनने के लिए हाइट, वेट और चेस्ट कितना होना चाहिए और मेडिकल में क्या क्या कराया जाता है तो अगर आप भी इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते हैं तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़े क्योंकि आज इस आर्टिकल में हम आपको डीएम बनने से रिलेटेड फिजिकल और मेडिकल टेस्ट के बारे में पूरी जानकारी देंगे।

डीएम बनने के लिए क्या करना पड़ता है?

डीएम यानी डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट की डायरेक्ट भर्ती नहीं की जाती है बल्कि प्रमोशन होने के बाद बनते हैं दरअसल आईएएस के लिए यूपीएससी का सिविल सर्विस एग्जाम देना होता है फिर परीक्षा क्लियर करने के बाद सिलेक्टेड कैंडिडेट को लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकैडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन मसूरी में 2 साल की ट्रेनिंग करनी होती है जिसके बाद कैंडिडेट को अलग अलग डिपार्टमेंट में 2 साल और ट्रेनिंग करनी होती है तो इस प्रकार 4 साल के बाद फिर उन्हें जिले में SDM या SDO के पद पर नियुक्त कर दिया जाता है फिर जिसके 4 साल के बाद उन्हें ADM का पद मिलता है जिस पर वे 4 से 5 साल कार्य करते हैं और फिर जब उनकी की सर्विस को 9 साल हो जाते हैं तो उसके बाद उनका प्रमोशन करके उन्हें DM बनाया जाता है तो इस प्रकार एक IAS ऑफिसर DM बनता है तो इसलिए आज हम इस आर्टिकल में आइएएस ऑफिसर के लिए जरूरी हाइट, चेस्ट और मेडिकल के बारे में बात करेंगे.

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IAS ऑफिसर बनने के लिए हाइट, वेट और चेस्ट कितना होना चाहिए?

आईएएस ऑफिसर बनने के लिए पुरुषों के लिए हाइट 165 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए 150 सेंटीमीटर होनी चाहिए जिसमें एसटी वालों को 5 सेंटीमीटर की छूट भी दी जाती है और छाती पुरुषों के लिए 84 सेंटीमीटर और महिलाओं के लिए 79 सेंटीमीटर होनी चाहिए जिसमें फूलने के बाद 5 सेंटीमीटर का फुलाव भी आना चाहिये इसमें BMI बॉडी मास इंडेक्स भी चेक किया जाता है जो की हाइट और वेट के अनुसार होना चाहिए जिसका फॉर्मूला होता है (वेट/हाइट) स्क्वायर.

आईएएस ऑफिसर बनने के लिए मेडिकल टेस्ट कैसे किया जाता है?

यूपीएससी के द्वारा चुने गए कुछ हॉस्पिटल्स में डॉक्टरों की एक टीम कैंडिडेट का मेडिकल टेस्ट लेती है तो इसमें ब्लड टेस्ट लिया जाता है, यूरिन टेस्ट किया जाता है जिससे ये पता चल सके कि आपको किसी तरह की कोई बिमारी तो नहीं है कैंडिडेट का बीपी चेक किया जाता है चेस्ट का एक्स-रे भी लिया जाता है आँखों का टेस्ट भी होता है जिससे पता लगाया जाता है कि आँखों का विज़न क्या है और अगर कैंडिडेट को चश्मा लगा है तो उसका नंबर क्या है कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट होता है जिसमें एक बुक में अलग अलग रंग के गोले बने होते हैं और उनके बीच में अलग रंग के ही नंबर लिखे होते है तो कैंडिडेट को वह नंबर और उसके रंग के बारे में बताना होता है इसके साथ ही फ्लैट फिट टेस्ट में कैंडिडेट के पैरों को चेक किया जाता है तो इस तरह से एक आईएएस ऑफिसर का मेडिकल टेस्ट होता है और अगर कैंडिडेट मेडिकल में अनफिट पाया जाता है तो उसे कुछ महीने का समय दे दिया जाता है जिसके बाद वह दिए गए समय पर अपना मेडिकल दुबारा से करवा सकता है और अगर हाइट और चेस्ट में कमी पाई जाती है तो उन्हें दूसरी नॉन टेक्निकल जॉब दे दी जाती है।

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आज इस आर्टिकल में हमने आपको डीएम बनने के लिए कराए जाने वाले फिजिकल और मेडिकल टेस्ट से रिलेटेड पूरी जानकारी दी है उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको अच्छे से समझ में आ गयी होगी इसके अलावा अगर आपको किसी अन्य टॉपिक के बारे में जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट में बता सकते हैं।

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