National Education Policy: नागरिको के कल्याण के लिए सरकार द्वारा समय समय पर नई नई योजनाएं लागू की जाती है जिनका उद्देश्य जनता को लाभ और सुविधा प्रदान करना होता है जैसा कि आप सभी जानते हैं की मनुष्य के जीवन में शिक्षा का कितना महत्त्व है यदि मनुष्य को सही शिक्षा प्राप्त हो तो वह आसमान की ऊंचाइयों तक पहुँच सकता है पर यदि शिक्षा की गुणवत्ता में कमी हो तो वह व्यक्ति को बेकार बना देती है भारत में नागरिको को शिक्षा प्रदान करने के लिए बहुत से स्कूल, कॉलेज और विश्वविद्यालय खोले गए हैं जिनसे शिक्षा ग्रहण करके विद्यार्थी अपने जीवन को सफल बना सकते हैं.
देश कि शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और पारदर्शिता लाने के लिए मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय द्वारा इसरो प्रमुख डॉके कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में नई शिक्षा नीति लागू की गई है इससे संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे द्वारा लिखे गए आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 क्या है?
शिक्षा मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति लागू की गई जिसके तहत शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाएगा नई शिक्षा नीति में 10+2 के पैटर्न की जगह अब 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा नई शिक्षा नीति को शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और पारदर्शिता लाने के लिए लागू किया गया है क्योंकि भारत सरकार भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना चाहती हैं.
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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 का उद्देश्य
भारत सरकार द्वारा पुरानी शिक्षा नीति में संशोधन करके लागू की गई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शिक्षा नीति में बदलाव करके उसमें गुणवत्ता और पारदर्शिता लाना जिससे भारत वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बन सके इस पॉलिसी के जरिये शिक्षा का सार्वभौमिकरण किया जाएगा अच्छी शिक्षा प्राप्त करके देश के नागरिक ज्ञानी बनेंगे जिससे भारत के प्रत्येक क्षेत्र पर इसका प्रभाव पड़ेगा.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी डिटेल्स
योजना का नाम | नेशनल एजुकेशन पॉलिसी |
किसने शुरू की | भारत सरकार ने |
वर्ष | 2024 |
उद्देश्य | शिक्षा का सार्वभौमिकरण करके भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना |
लाभार्थी | भारत के नागरिक |
नेशनल एजुकेशन पॉलिसीपरामर्श प्रक्रिया
भारत की शिक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 1986 में भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति को बनाया गया था जिसे 1992 में संशोधित किया गयाकिंतु अभी भी पुरानी शिक्षा नीति में कुछ कमियां थी जिसके लिए भारत सरकार द्वारा नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लॉन्च की गई इस पॉलिसी को लॉन्च करने से पहले विशेषज्ञों, अनुसंधानकर्ताओं, मंत्रियों और जनता से भी परामर्श लिया गया था जिसके बाद नई शिक्षा नीती तैयार हुई और इसे पोर्टल पर 22 भाषाओं में अपलोड किया गया इस संबंध में कैबिनेट बैठक भी आयोजित की गयी थी जिसमे प्रत्येक राज्य के शिक्षा मंत्री और विश्वविद्यालयों के कुलपति भी उपस्थित थेइसके बाद नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू कर दी गई.
नई शिक्षा नीति का कालक्रम
नई शिक्षा नीति को लागू करने के लिए भारत सरकार को कुछ वक्त लगा इसे लागू करने से पहले सभी का परामर्श लिया गया था परामर्श प्रक्रिया जनवरी 2015 से अक्टूबर 2015 तक चली.
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शिक्षा मंत्रालय और कैबिनेट मंत्रालय की बैठक 14 फरवरी 2015 को सुझाव आमंत्रण हेतु हुई, 21 मार्च 2015 को राज्य स्तर पर सचिवों और शिक्षा मंत्रालय के बीच बैठक हुई इसके बाद नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के लिए 31 अक्टूबर 2015 को स्वर्गीय श्री टीएसआर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया जिसके बाद 27 मई 2016 को समिति ने अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपी इसके बाद 24 जून 2017 को डॉक्टर कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया जिसकी रिपोर्ट 31 मई 2019 को मंत्रालय को सौंपी गई इसके बाद मसौदा शिक्षा नीति पर 15 अगस्त 2019 को सुझाव आमंत्रित किए गए 21 सितंबर 2019 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सीएबीई की बैठक आयोजित की गई.
नई शिक्षा नीति के सिद्धांत
- शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना
- शिक्षा में पारदर्शिता लाना
- शिक्षा को लचीला बनाना
- मूल्यांकन पर ज़ोर देना
- उत्कृष्ट स्तर पर शोध करना
- कई तरह की भाषाएं सीखाना
- बच्चों की तार्किक और मानसिक शक्ति को बढ़ाना
- बच्चों को अनुशासित बनाना
- छात्र और छात्राओं को भारतीय संस्कृति से जोड़ना
- देश की साक्षरता को बढ़ानादेना
- बच्चों की सोच में परिवर्तन लाना
- बौद्धिक क्षमता को बढ़ाना
- शिक्षा के तहत तकनीकी पर ज़ोर देना
नई शिक्षा नीति के महत्वपूर्ण तथ्य
- नई शिक्षा नीति के अनुसार सामग्री शिक्षा में प्री प्राइमरी को भी जोड़ा जाएगा.
- नई शिक्षा नीति के तहत ज्ञान बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा.
- बोर्ड के महत्त्व को कम किया जाएगा बोर्ड की परीक्षा को दो भागों में आयोजित किया जाएगा.
- सिर्फ उतना ही पाठ्यक्रम रखा जाएगा जितना आवश्यक है.
- नई शिक्षा नीती के तहत पाठ्यक्रम को कम किया जाएगा.
- टेक्नोलॉजी के माध्यम से पढ़ाई पर ज़ोर दिया जाएगा.
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का विजन भारत को ज्ञान महाशक्ति बनाना है.
- नई शिक्षा नीती के तहत बच्चों को उच्च स्तर के गुणवत्ता वाली शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी प्रारंभिक शिक्षा के कुछ घटक
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल घटक के तहत नई शिक्षा नीति के अनुसार 6 वर्ष की आयु तक के बच्चे के शारीरिक एवं मानसिक विकास पर ध्यान रखा जाएगा जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके.
- बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक घटक के तहत बच्चों के पढ़ने लिखने और अंकगणित सीखने की क्षमता पर ध्यान दिया जाए.
- ड्रॉपआउट रेट कम करने तथा सार्वभौमिक पहुँच सुनिश्चित करने के घटक के तहत शिक्षा प्रणाली को लचीला बनाया जाएगा जिससे बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी बच्चे जिस सब्जेक्ट को चाहे उसे चुन सकते हैं.
- 5+3+3+4 का स्कूली पाठ्यक्रम घटक के तहत 10+2 के पुराने पैटर्न को छोड़कर 5+3+3+4 के पाठ्यक्रम को विकसित किया जाएगा जिसमे3 साल की प्री स्कूली शिक्षा, 2 साल की प्राथमिक शिक्षा,कक्षा3 से 5,कक्षा6 से 8, और कक्षा 9 से 12 शामिल है.
- विशेष प्रतिभावाले एवं मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहन घटक के तहत छात्रों की प्रतिभा को पहचानने पर बढ़ावा दिया जाएगा जिसमें शिक्षक उनका मार्गदर्शन करेंगे.
- सभी छात्रों के लिए शिक्षा सुनिश्चित करने के घटक के तहत सभी छात्रों को 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी जिससे बिना किसी भेदभाव के देश के प्रत्येक छात्र को शिक्षा प्रदान की जा सकेगी.
- स्कूल कॉम्प्लेक्स/कलक्टर के माध्यम से कुशल संसाधन घटक के तहतयोजना के कुशल कार्यान्वयन के लिए स्कूलों के अध्यापकोंकोसम्पूर्ण जानकारी प्राप्त होनी आवश्यक है अध्यापकों द्वारा ही इस योजना को अंतिम चरण तक पहुंचाया जाएगा.
- स्कूली शिक्षा के लिए मानक निर्धारण घटक के तहत स्कूली शिक्षा नियामक प्रणाली बनाई जाएगी जिससे समय समय परशिक्षाका मूल्यांकन किया जाएगा और सुधार किया जाएगा.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी उच्चतर शिक्षा के कुछ घटक
- गुणवत्तापूर्ण विश्वविद्यालय एवं महा विद्यालय
- संस्थागत पुनर्गठन और समेकन
- समग्र एवं बहु विषयक शिक्षा
- सीखने के लिए सर्वोत्तम वातावरण एवं छात्रों को सहयोग
- अध्यापक शिक्षा
- व्यावसायिक शिक्षा
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहतप्रदान की जाने वाली सुविधाएं
- पानी और भोजन की व्यवस्था और गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी.
- क्लास का टाइम टेबल मैनेज किया जाएगा जिससे बच्चों के बैग का वजन कम होगा.
- दूसरी कक्षा तक के बच्चों को होमवर्क नहीं दिया जाएगा.
- तीसरी, चौथी और पांचवीं कक्षा के बच्चों को हफ्ते में सिर्फ 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा.
- कच्चा 6 से लेकर 8 तक के बच्चों को प्रतिदिन 1 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा.
- 9 से लेकर 12 तक के बच्चों को प्रतिदिन 2 घंटे का होमवर्क दिया जाएगा.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 की विशेषताएँ
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय अबशिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा.
- नई शिक्षा नीति के अनुसार 10+2 के पैटर्न को छोड़कर अब 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा.
- नई शिक्षा नीति में 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा और 12 साल की स्कूली शिक्षा होगी.
- पाँचवी तक बच्चों को उनकी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा दी जाएगी.
- नई शिक्षा नीतिके तहत शिक्षा का सार्वभौमिकीकरण किया जाए.
- शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता में सुधार किया जाएगा.
- नई शिक्षा नीती के तहत बच्चे किसी भी विषय को पढ़ सकते हैं.
- स्ट्रीम पैटर्न को समाप्त कर दिया जाएगा.
- छात्रों को छठवीं कक्षा से ही कोडिंग की शिक्षा दी जाएगी.
- सभी प्रकार कि शिक्षा संबंधी चीजें क्षेत्रीय भाषा में सिखाई जाएंगी.
- नई शिक्षा नीति के अनुसार स्नातक कोर्स 3 से 4 साल तक के हो सकते हैं
- अकैडेमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में छात्रों द्वारा अर्जित किए गए अकैडमी क्रेडिट को डिजिटल इस तौर पर स्टोर किया जाएगा.
- ई लर्निंग पर ज़ोर दिया जाएगा.
- उच्च संस्थानों में शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रवेश परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी.
- नई शिक्षा नीति के तहत प्रत्येक जिले में उच्च शिक्षण संस्थानों का निर्माण कराया जाएगा.
- नई शिक्षा नीति के अनुसार चिकित्सा और कानूनी शिक्षा को छोड़कर सभी प्रकार के शिक्षण कार्य किए जाएंगे.
- नई शिक्षा नीती द्वारा बनाए गए सभी नियम सरकारी तथा प्राइवेट दोनों शिक्षण संस्थानों में लागू किए जाएंगे.
- नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा जीडीपी के 6% हिस्से को खर्च किया जाएगा.
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2024 के चरण
शिक्षा मंत्रालय द्वारा नई शिक्षा नीति लागू की गई है जिसमे 10+2 के पैटर्न को छोड़कर 5+3+3+4 के पैटर्न को अपनाया गया है नई शिक्षा नीति में 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा और 12 साल की स्कूली शिक्षा शामिल हैंनई शिक्षा नीति केनिम्नलिखित चार चरण हैं.
फाउंडेशन स्टेज के तहत बच्चों के भाषा कौशल और शिक्षण के विकास पर ध्यान दिया जाएइसमें में 3 से 8 साल तक के बच्चों को शामिल किया गया है.
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प्रिपरेटरी स्टेज में बच्चों की भाषा और संख्यात्मक कौशल के विकास पर ज़ोर दिया जाएगा बच्चों को कई तरह की भाषाएं सिखाई जाएंगी साथ ही उन्होंने उनकी क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान की जाएगी इस चरण में 8 से 11 साल तक के बच्चों कोशामिल किया गया है .
मिडिल स्टेज के तहत बच्चों को व्यावसायिक परीक्षण और इंटर्नशिप प्रदान की जाएगी साथ ही कोडिंग की शिक्षा भी दी जाएगी इस चरण के लिए कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों को शामिल किया गया है.
सेकेंडरी स्टेज नई शिक्षा नीति के अनुसार स्ट्रीम पैटर्न को खत्म कर दिया जाएगा जिससे छात्र अपनी पसंद के किसी भी सब्जेक्ट कोपढ़ सकते हैं चाहे वह कला से संबंधित हों या फिर साइंस से या कॉमर्स से इस चरण के लिए 9 से 12 तक के बच्चों को शामिल किया गया है.
नई शिक्षा नीति 2024 स्ट्रीम्स के संबंध में
इस पॉलिसी के तहत स्ट्रीम पैटर्न को हटा दिया गया है छात्रों को उनके मनचाहे विषय पढ़ने की सुविधा प्रदान की जाएगी आर्ट्स के साथ साइंस भी पढ़ा जा सकेगा खेल, नृत्य, मूर्ति कला, संगीत आदि को पाठ्यक्रम के रूप में परिभाषित किया गया है शारीरिक शिक्षा अनिवार्य विषय बनाया जाएगा इस नीति के तहत एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को लागू किया जाएगा.
- इस नीति के तहत बीएड प्रोग्राम को 4 साल की अवधि का कर दिया गया है.
- नई शिक्षा नीती के तहत छात्रों को वोकेशनल स्टडी सीखने पर ज़ोर दिया जाएगा अभी 5% छात्र ही वोकेशनल स्टडीज़ सीख रहे हैं 2025 तक 50% छात्रों को वोकेशनल स्टडीज़ पढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है इसमें बागवानी, लकड़ी का काम, मिट्टी के बर्तन, बिजली का काम आदि शामिल है.
- नई शिक्षा नीती के तहत पांचवी तक के छात्रों को उनकी मातृभाषा में या फिर क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्रदान करने का प्रावधान रखा गया है जिससे बच्चे आसानी से सीखेंगेऔर साथ ही बच्चों को दो से तीन भाषाएं भी सिखाई जाएंगी.
- बच्चों को उनकी मातृभाषामें पढ़ाने के लिए शिक्षकों की कमी होने पर उनकी भर्ती की जाएगी इस स्थिति में रिटायर हुए शिक्षकों को दोबारा शिक्षा के लिए नियुक्त किया जा सकता है.
- बच्चों को माध्यमिक विद्यालय में उनके पसंद की विदेशी भाषा भी सिखाई जाएगी जिससे भारत वैश्विक स्तर पर पहचाना जाएगा.
MyNEP 2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने की प्रक्रिया
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्ट्रेशन करने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे
- इसके लिए सबसे पहले आपको MyNEP2020 प्लेटफॉर्म की ऑफ़िशियल वेबसाइट पर जाना होगा.
- होम पेज पर आने के बाद रजिस्ट्रेशन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद न्यू पेज ओपन होगा जिसमें अपना नाम, जेंडर, डेट ऑफ बर्थ, मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी आदि सभी जानकारियां दर्ज करनी होंगी.
- इसके बाद रजिस्टर के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
- इस प्रक्रिया को करके आप MyNEP2020 प्लेटफार्म पर रजिस्टर कर पाएंगे.
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर लॉग इन कैसे करें
MyNEP2020 प्लेटफार्म पर लॉग इन करने के लिए निम्नलिखित स्टेप्स फॉलो करने होंगे-
- इसके लिए सबसे पहले आपको की MyNEP2020 प्लेटफार्म ऑफिशियल्स वेबसाइट पर जाना होगा.
- होम पेज पर आने के बाद लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
- इसके बाद न्यू पेज ओपन होगा जिसमे आपको अपना यूजरनेम, पासवर्ड और कैप्चा कोड दर्ज करना होगा.
- इसके बाद लॉगिन के ऑप्शन पर क्लिक करना होगा.
- इस प्रक्रिया को करके आप MyNEP2020 प्लेटफॉर्म पर लॉग इन कर सकेंगे.
यदि कोई बच्चा केजी 1 पास कर चुका है और वह केजी 2 में गया उसकी उम्र 4 साल 8 महिना है तो क्या स्कूल उसे प्रवेश देगा या नहीं जबकि वह पहले से उस स्कूल का छात्र है